सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान क्यों कहा जाता है?

सचिन तेंदुलकर ने उस दौर के दिग्गज गेंदबाज़ों को अपनी दमदार बल्लेबाजी से बौना साबित कर दिया, जब विश्व के बड़े बल्लेबाज उनसे खौफ खाया करते। उन्होंने विदेशी दौरों पर उन अव्वल दर्जे के गेंदबाज़ी आक्रमण को नतमस्तक कर दिया जब सारी टीम सस्ते में ही ढेर हो रही थी।

सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान क्यों कहा जाता है?

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सचिन को यदि रिकॉर्ड का पिटारा कहा जाए तो गलत नही होगा क्योकिं जितने रिकॉर्ड सचिन ने बनाए है उतने तो शायद ही किसी ने बनाए होंगे ।


प्रायः एक खिलाड़ी दूसरे से अलग होता है. समय के साथ क्रिकेट भी बदलता है. गावस्कर के समय क्रिकेट का जो प्रारूप था वो सचिन के समय में नहीं रहा. सचिन जिस दौर में खेले और एक खिलाड़ी की तरह क्रिकेट को जिस स्थान पर पहुंचाया भविष्य में उनके जैसा क्रिकेटर नहीं आ सकता. शायद आप मेरे भावों को समझ सकते हैं. सचिन को बस खिलाड़ी न समझे बल्कि विश्व क्रिकेट की लोकप्रियता को बहुत उंचाई तक ले गए.


कोई दूसरा सचिन रमेश तेंदुलकर नहीं होगा। यहाँ महान महापुरूषों के कुछ शब्द हैं जो साबित करते हैं कि क्यों उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। हर्षा भोगले ने कहा अगर सचिन अच्छी बल्लेबाजी करते हैं तो भारत अच्छी नींद लेता है। सोली एडम कहते हैं, "दो किस्म के क्रिकेटर होते हैं, एक गॉड गिफ्टेड होते हैं जो महेनत नहीं करते और दूसरा मेहनती. सचिन के पास गॉड गिफ्टेड टैलेंड तो था ही, वो मेहनत भी काफी किया करते थे. इसलिए भारत के क्रिकेट प्रेमी उन्हें क्रिकेट का भगवान कहते हैं."


सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान इसलिए कहा जाता है क्यों उन्होंने भारत में क्रिकेट को एक धर्म बना दिया। उनकी वजह से कई पीढ़िया क्रिकेट की तरफ आकर्षित हुई। अगर सचिन न होते तो भारत में क्रिकेट इतना लोकप्रिय नहीं होता।


उनसे प्रभावित होकर भारतीय टीम में कई दिग्गज खिलाड़ी आये। वे कई क्रिकेटर के आदर्श बने जैसे वीरेंद्र सेहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, विराट कोहली, रोहित शर्मा और धोनी आदि। इत्तफाक से विराट कोहली के आदर्श भी सचिन तेंदुलकर ही है ।




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